हर साल मार्च के दूसरे गुरुवार को विश्व किडनी दिवस मनाया जाता है। इसकी शुरुआत इंटरनेशनल सोसायटी ऑफ नेफ्रोलॉजी और इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ किडनी फाउंडेशन द्वारा 66 देशों में साल 2006 में शुरू किया गया था। इस दिवस का उद्देश्य दुनिया भर में किडनी की बीमारियों के बढ़ते मामलों को रोकना है और लोगों को इसकी समस्याओं के बारे में जागरूक करना है।
भारत में हर साल तकरीबन 2 लाख लोगों किडनी से जुड़ी बीमारियों का शिकार होते हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि शुरुआती स्टेज में इस बीमारी का पता ही नहीं लगता। दोनों किडनियों के 60 प्रतिशत डैमेज हो जाने के बाद शरीर पर इसके लक्षण नजर आने शुरू होते हैं। भारत में ही नहीं बल्कि दुनियाभर में किडनी से प्रभावित लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। तो किडनी से जुड़ी समस्याओं से बचाव के लिए नियमित रूप से जांच और एक हेल्दी लाइफस्टाइल बेहद जरूरी है।
पेट के पीछे और पसलियों के नीचे दाएं और बाएं साइड में हमारी किडनियां स्थित होती हैं जो देखने में बिल्कुल राजमे की तरह होती हैं। मानव शरीर में फिल्टर का काम करने वाली किडनियों के प्रति जागरूकता को बढ़ाने के मकसद से साल 2006 में किडनी डे मनाने की शुरुआत की गई थी। जिसके बाद से हर साल एक थीम के साथ इस दिन को दुनियाभर में मनाया जाता है। वर्ल्ड किडनी डे मार्च के दूसरे वृहस्पतिवार को मनाया जाता है|
वर्ल्ड किडनी डे 2022 की थीम
वर्ल्ड किडनी डे हर साल एक थीम के साथ मनाया जाता है। इस साल वर्ल्ड किडनी डे 2022 की थीम है ‘किडनी हेल्थ फॉर ऑल’ मतलब किडनी का स्वास्थ्य जरूरी है।
वर्ल्ड किडनी डे का उद्देश्य
विश्व किडनी दिवस पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों के जरिए लोगों को किडनी से जुड़ी बीमारियां और उसे हेल्दी रखने के तौर-तरीकों और खानपान के बारे में बताया जाता है। जिससे तेजी से बढ़ती इस समस्या को रोका जा सके। शहरी इलाकों में तो लोग इसे लेकर थोड़े जागरूक हैं लेकिन ग्रामीण इलाकों में किडनी हेल्थ को लेकर जागरूकता फैलाना इस दिवस को मनाने का खास मकसद होता है|
कैसे पता चलेगा कि आपकी किडनी खराब हो रही है
किडनी की बीमारी एक ऐसी स्थिति है, जिसमें जब तक लक्षण गंभीर नहीं हो जाते तब तक आसानी से इस पर किसी का ध्यान नहीं जाता। हालांकि आपको कुछ लक्षण महसूस हो सकते हैं जैसे:
- थकान
- नींद न आना
- अपर्याप्त भूख
- मांसपेशियों में ऐंठन
- सूजे हुए पैर / टखने
- सूखी, पपड़ीदार त्वचा
- बार-बार पेशाब आना, विशेष रूप से देर रात में।
किडनी फेलियर होने की समस्या में जो लक्षण शामिल उनमें :
- जी मिचलाना
- उल्टी
- भूख में कमी
- मूत्र उत्पादन में परिवर्तन
- शरीर में तरल की अधिकता
- एनीमिया (लाल रक्त कोशिकाओं में कमी)
- सेक्स ड्राइव में कमी
विश्व किडनी दिवस के अवसर पर आज हम आपको 3 आयुर्वेदिक सुपरफूड के बारे में बताएँगे, जो आपकी किडनी का ख्याल रख सकते हैं
किडनी हमारे शरीर का एक बहुत ही महत्वपूर्ण अंग है। यह हमारे शरीर के बेहतर तरीके से काम करने में हमारी सहायता करती है। किडनी का काम मुख्य रूप से यूरिया, क्रिएटिनिन, एसिड कई वेस्ट मटेरियल से हमारे ब्लड को फिल्टर करना है। ये सभी वेस्ट मटेरियल हमारे ब्लैडर में पहुंचते हैं और यूरिन के माध्यम से शरीर से बाहर निकल जाते हैं।
पर जब हमारी किडनी बेहतर ढंग से काम नहीं करती, तो हमें कई शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। लोगों को किडनी की समस्या होने के बाद भी अंदाजा नहीं लग पाता जिसके कारण जान पर भी बन जाती है। इसलिए किडनी की समस्याओं को साइलेंट किलर के नाम से भी जाना जाता है।
आज के वक्त में किडनी की समस्याओं से निपटने के लिए कई चिकित्सा मौजूद है:-
आयुर्वेद हमें किडनी की खराबी से छुटकारा दिला सकता है? क्योंकि कोरोना वायरस महामारी के बाद से लोगो ने आयुर्वेद को अपने जीवन का एक हिस्सा बना लिया है। यह कई रोगों से हमें निजात दिलाने में सक्षम है। चलिए विश्व किडनी दिवस पर जानते हैं कि क्या किडनी की समस्या में आयुर्वेद हमारे काम आ सकता है! अगर हां तो आखिर कैसे?
किडनी और आयुर्वेद
आयुर्वेद के अनुसार शरीर में पित्त के स्तर में असंतुलन के कारण किडनी की समस्या होती हैं। हालांकि एक स्वस्थ जीवन शैली के लिए आवश्यक हैं स्वस्थ आहार लेना, अपनी जरूरत के अनुसार पर्याप्त मात्रा में पानी पीना, अपनी दिनचर्या में व्यायाम को शामिल करना और योगा जैसी गतिविधियों में शामिल करना, मोटापे को नियंत्रित रखना, धूम्रपान और शराब पीने जैसी आदतों पर कंट्रोल करना इत्यादि| ये किडनी के बेहतर स्वास्थ्य के लिए जिम्मेदार है।
असल में आयुर्वेद में ऐसी कई जड़ी-बूटियों का उल्लेख है, जो आपकी किडनी के स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने में मदद कर सकते हैं। वर्ल्ड किडनी डे के उपलक्ष्य में आज ही उन्हीं खास चीजों पर बात करने वाले हैं।
यहां हैं वे आयुर्वेदिक फूड्स जो आपकी किडनी के स्वास्थ्य के लिए हैं फायदेमंद
- क्रैनबेरी
किडनी की समस्या से निपटने के लिए कैनबरी सबसे प्रभावी उपचारों में से एक है। यह एक आयुर्वेदिक औषधि के रूप में जानी जाती है। इसमें एंटी ऑक्सीडेंट की उपस्थिति आपकी किडनी के लिए बहुत फायदेमंद है। यह UTI की समस्या में बेहद फायदेमंद है।
- अदरक
आयुर्वेद में अदरक को एक अहम स्थान दिया गया है। यह आपकी किडनी की समस्याओं के लिए बहुत फायदेमंद है। इसके सेवन से लिवर और किडनी डिटॉक्स हो जाते हैं इसमें मौजूद एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण किडनी के दर्द और सूजन को कम करता है। यदि आपको यूटीआई की समस्या है तो यह इनफेक्शन में भी मदद कर सकता है।
- धनिया
धनिया के बीज यूरिन में इन्फेक्शन से जुड़ी समस्या में सबसे प्रभावी माना गया है। इसके अलावा किडनी की अन्य समस्याओं जैसे किडनी स्टोन में भी धनिया एक सरल आयुर्वेदिक उपाय है। यह किडनी को बेहतर ढंग से साफ करने में सहायता प्रदान करता है। यह यूरिनरी सिस्टम को साफ रखने के लिए रोजाना खाली पेट धनिया का पानी पिया जाना चाहिए।
किडनी की बीमारी से बचना है तो इन 15 बातों का विशेष ध्यान रखें….
- अपने रक्तचाप को नियंत्रित रखें
- मधुमेह रोगी ब्लड शुगर को नियंत्रित रखे
- अनावश्यक दर्द की गोलियां न खाएं
- बिना विशेषज्ञ की सलाह के एंटीबायोटिक न लें
- तंबाकू न खाएं और न चबाएं
- अधिक नमक या मीठे का सेवन न करें
- अपने गुर्दा रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें
- हर रोज आहार में सेब को जरूर शामिल करें
- फाइबर युक्त सेब किडनी के लिए बहुत फायदेमंद है
- दिन में एक बार अदरक की चाय पीने से लाभ होता है
- खाने के साथ प्याज का स्लाद खाने से भी किडनी को फायदा मिलता है
- लाल शिमला मिर्च भी किडनी के लिए सही है
- दही का सेवन करने से किडनी की इंफैक्शन दूर हो जाती है
- पेशाब को रोक कर रखने की आदत छोड़ दें
- नियतमित रूप से व्यायाम जरूर करें